Gunjan Kamal

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मई महीना खुशी और गम का महीना

दिनांक :- २२/१२/२०२१
दिन :- बुधवार

मेरी डायरी मेरी  साथी ! आज सबसे पहले बात करते हैं इस साल मई महीने में  आई "  मदर्स डे " की । हम में से बहुत लोगों का यह मानना होगा  कि क्या हमारी जननी  माॅंओं के लिए सिर्फ एक दिन ही पर्याप्त  है ?? क्या हम एक दिन उन्हें यह एहसास दिला दे कि वह वर्ल्ड की बेस्ट माॅं हैं और दिन उन्हें भूल जाएं ??
मैं भी इन सभी उपरोक्त  बातों को मानती हूॅं ।  ऐसा बिल्कुल भी नहीं होना  चाहिए । हमारी माॅंओ के लिए एक दिन तों क्या एक हमारा संपूर्ण जीवन भी पर्याप्त नहीं हैं और हमें जों अपने बड़ों और खासकर माॅं से जों संस्कार मिले हैं उनमें ऐसा कदापि नहीं है कि एक दिन छोड़कर बाकी के और दिन हम उन्हें भूल जाएं ।

मेरी डायरी मेरी  साथी ! हम सदियों से जों भी पर्व और त्योहार मनाते चलें आ रहे हैं उस दिन जिस भी भगवान की हम पूजा-अर्चना करते हैं क्या उस दिन के बाद से उन भगवान की पूजा - अर्चना करना भूल जाते हैं ?? 
कदापि नहीं ! हम ऐसा नहीं करते। हाॅं ! ऐसा हों सकता है कि जिस दिन पर्व और त्योहार होते हैं उस दिन हम विशेष तैयारियां और पूजा-अर्चना करते हैं लेकिन उसके बाद भी तों हम भगवान को याद और पूजा-पाठ तों निरंतर करते ही रहते हैं ना । ठीक वैसे ही जब हमारी माॅंओं के लिए एक विशेष दिन बनाया गया है वह चाहे किसी ने भी बनाया हों इसपर पर विवाद ना करते हुए हमें अपनी माॅंओं को और दिन के साथ - साथ इस दिन भी खुश रखने की कोशिश तों करनी ही चाहिए ना इसलिए मैं तो इस दिन को विशेष पकवानों को बना कर और माॅंओ को खुश करने की कोशिश में ही बिताती हूॅं । मेरी कोशिश उस दिन कहाॅं  तक कामयाब होती है यह में उनकी मुस्कुराहट देखकर मालूम  कर लेती हूॅं । मदर्स डे के दिन ही नहीं बल्कि और दिन भी अगर  मुझे मौका मिलेगा मैं अपनी दोनों मां के लिए उनके  चेहरे पर हंसी लाने के लिए जितना मुझसे  हो सकेगा  मैं करने की कोशिश करूंगी ।

मेरी डायरी मेरी  साथी ! जिसने हमें जन्म दिया वह माॅं तों हमारी खास हैं ही साथ ही वह माॅं भी हमारे लिए खास होनी चाहिए जिसने हमारे पतिदेव जी  को जन्म दिया और उन्हें हमें सौंप दिया साथ ही हमारी धरती माॅं जों हमारा बोझ सदियों से उठाती चली आ रही हैं , हमारे भरण - पोषण का जरिया बन रही है ऐसी माॅंओं को आज के दिन तहेदिल से शुक्रिया कहना तों बनता ही है ना ।

समस्त माॅंओं के लिए  मन  में    दबी चंद बातें 👇

" सभी     माॅंओं        को        मेरी 
   तरफ        से         हैं         नमन
   माॅं     तों    वह  धरा   है    जिनके
   अंदर समाया हुआ है समस्त वतन "

मेरी डायरी मेरी साथी ! हर दिन और हर महीने एक समान नहीं होता है वैसे ही मेरे लिए मई महीने का प्रत्येक दिन एक समान नहीं था । जैसे खुशी के बाद गम  आता है गम के बाद खुशियां आती  है वैसे ही मई महीने के दिनों में मेरा मन उदास भी था । हमारे  आसपास रहने वाले लोग हमें ऐसी परिस्थितियों में डाल देते हैं कि हम खुश रह ही  नहीं सकते । आज  उस महीने की कुछ कड़वी  यादों को समेटते  हुए मन के भाव तुम्हारे साथ साझा कर रही हूॅं  :-

दूर      कहीं       लें    चल         मुझे
इस   स्वार्थी   और   फरेबी    इंसानों    से

जहाॅं सिर्फ     अपने   को    श्रेष्ठ      और
समझदार  हर    कोई     समझें       नहीं

दूसरे  को  नीचा दिखाने की कोशिश में
हर      कोई        लगा        रहे         नहीं

जहाॅं      प्यार     का     जवाब      सिर्फ
और   सिर्फ    प्यार     से      ही      मिलें

प्यार भरी  बातों  में छुपे  तानों  के लिए
जहाॅं   कोई     भी     जगह     ना   हो

दूसरों   का   दुःख  भी  अपना ही   लगें
ऐसी    जगह    लें     चल     तू      मुझे

नहीं    रहना     मुझे    एक   ऐसी    जगह
जहाॅं  दूसरों   को   खुश रहने  देना नहीं

लें  चल   दूर   मुझे   ऐ    मेरी     जिंदगी
कहीं         एक          ऐसी           जगह

जहाॅं  सुकून  की तलाश ना करनी  पड़े
हर  कोई अपने  में  खुश  और  संतुष्ट रहें ।।

मेरी डायरी मेरी  साथी ! यें  तो थी मई महीने की कुछ ऐसी यादें जो मेरे मानस पटल पर हमेशा के लिए अंकित हो गई थी । कल जैसे ही मुझे फुर्सत के दो पल मिलेंगे वैसे ही मैं  जून  महीने की यादों को  साथ लेकर तुम्हारे साथ गुफ्तगू करने आ जाऊंगी । मेरा इंतजार करना ।   आज के लिए तुमसे विदा  चाहती हूॅं ।   कल तुमसे फिर से मुलाकात होगी ।

जाने से पहले मन में आई बातें 👇

"   कल भी  यही  लेखनी    का  मंच  होगा
    यही        मोबाइल          भी          होगा
     मोबाइल पर  थिरकते मेरे हाथ भी  होंगे
     और सबसे बढ़कर तेरा साथ भी तों होगा "

" गुॅंजन कमल " 💗💞💓

# डायरी 

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